श्रावणी मेला 2024 :— श्रावणी मेला का परिचय
श्रावणी मेला 2024:– श्रावणी मेला भारत के प्रमुख धार्मिक मेलों में से एक है। इसे कांवर यात्रा भी कहते है। यह मेला दुनिया का सबसे लंबा मेला है। यह मेला बिहार के सुल्तानगंज गंगा नदी से शुरू होती है और झारखंड में स्थित देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम तक आयोजन होता है। इस मेले का आयोजन श्रावण मास के दौरान होता है।
यहां देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से लोग कांवर में गंगा जल भरकर पूजा अर्चना करने के लिए बाबा धाम आते हैं। बैद्यनाथ धाम ही एक ऐसा जगह है जहां शिव और शक्ति दोनों साथ रहते हैं। मान्यता है कि इसी जगह पर माता सती के हृदय गिरा हुआ था जिस कारण यह एक शक्तिपीठ भी है।
श्रद्धालुगण सुल्तानगंज स्थित गंगा नदी से गंगा जल भरकर कांवर लेकर 105 किलोमीटर पैदल यात्रा ‘ बोल बम, बोल बम ‘ , बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है कहते हुवे बाबा बैद्यनाथ धाम आते है और बाबा पर जल अर्पित करते है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका विवरण विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों में मिलता है । इस बार श्रावणी मेला 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से शुरू होने वाली है, और इसकी समाप्ति 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार श्रावण पूर्णिमा के दिन होगा ।
श्रावणी मेला का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार मान्यता है कि सावन में भगवान शिव को जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। त्रेता युग में भगवान राम ने कांवर में जल भरकर बाबा बैद्यनाथ पर अर्पित किए थे । और तभी से ये परंपरा शुरू हो गई थी।
श्रावणी मेले का मुख्य आकर्षण
कांवर यात्रा :—
कांवर यात्रा इस मेले का मुख्य आकर्षण केंद्र है, जिसमें लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज के अजगेबीनाथ स्थित गंगा नदी से जल भरकर पैदल यात्रा बोल बम, बोल बम कहते हुवे बाबा धाम पहुंचकर बाबा बैद्यनाथ पर जल अर्पित करते है।
धार्मिक आयोजन :—
मेले के दौरान यात्रा मार्ग पर अनेक जगहों पर विभिन्न धार्मिक आयोजन, भजन—कीर्तन और सत्संग का आयोजन किया जाता है। कवारियो के लिए निशुल्क भोजन और आराम करने की व्यवस्था की जाती है।
पवित्र गंगा स्नान:—
गंगा नदी में पवित्र स्नान करने का एक अलग महत्व है। सभी कांवरिया बंधु पहले गंगा नदी में पवित्र जल से स्नान करते है फिर गंगा मां की पूजा कर आशीर्वाद लेकर गंगा जल लेकर यात्रा के लिए निकलते है ।
श्रावणी मेले में कांवरिया बंधु के लिए सुविधा:—
श्रावणी मेला के दौरान बिहार सरकार और झारखंड सरकार के द्वारा कावरिया बंधुओं की सुविधा के लिए कई आधुनिक व्यवस्थाएं की जा रही है। यात्रियों के ठहरने के लिए जगह जगह पंडाल से अस्थाई निवास बनाया गया है। यात्रियों के चिकित्सा सुविधा के लिए डाक्टरों की टीम गठित की गई है।निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है।
स्वच्छता और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगा कर भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। यात्रा मार्ग में बालू बिछाया गया है ताकि यात्री को चलने में आराम हो सके।
श्रावणी मेला 2024 यात्रियों के लिए दिशा निर्देश
यात्रियों को दिशा निर्देश दिया गया है कि यात्री अपना आईडी कार्ड यानी कि आधार कार्ड हमेशा अपने साथ रखें। यात्री यात्रा मार्ग पर ही चले नए मार्ग पर न जाए। चोर जेब कतरो से सावधान रहे । ज्यादा ऊंचा कांवर ना बनाएं। अपने सामान की रक्षा स्वयं करें। भाग दौड़ की स्थिति पैदा न होने दें लाइन से चले।
श्रावणी मेला में कांवर लेकर बाबाधाम पहुंचने के बाद
कावरिया बंधु जब कांवर लेकर बाबा धाम पहुंचे है तो सबसे पहले वो शिवगंगा में स्नान करते है फिर बाबा मंदिर के पंडा और स्थानीय पुजारी मंत्रोंच्चारण के साथ श्रद्धालुओं की ओर से लाए गए गंगा जल को संकल्प करवाते है। संकल्प के बाद कावरिया बंधु सीधे बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रवेश करते है। मंदिर में सुल्तानगंज से लाए गंगा जल को अपने आराध्य देव बाबा बैद्यनाथ शिवलिंग पर फूल बेलपत्र के साथ अर्पित करते है।
History of Basukinath Temple
kanwar yatra 2024 सुल्तानगंज से बाबा धाम की पूर्ण जानकारी।
श्रावणी मेला कहां आयोजित होता है?
श्रावणी मेला झारखंड के देवघर जिले में आयोजित किया जाता है।
श्रावणी मेला 2024 date क्या है?
कांवर यात्रा 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से शुरू होने वाली है, और इसकी समाप्ति 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार श्रावण पूर्णिमा के दिन होगा ।
श्रावणी मेला क्या है?
भारत के प्रमुख धार्मिक मेलों में से एक है। यह मेला दुनिया का सबसे लंबा मेला है। यह मेला बिहार के सुल्तानगंज गंगा नदी से शुरू होती है और झारखंड में स्थित देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम तक आयोजन होता है। इस मेले का आयोजन श्रावण मास के दौरान होता है।