श्री देवी भागवत की आरती – महत्व, विधि, और लाभ। देवी के आरती

श्री देवी भागवत की आरती एक पवित्र और भक्तिमय गीत है, जो देवी मां की महिमा और कृपा का वर्णन करती है। श्री देवी भागवत की आरती देवी की पूजा के दौरान निश्चित रूप से की जाती है। जब भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ आरती करते हैं, तो वे देवी मां की कृपा और आशीर्वाद के पात्र बन जाते है।

आरती करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। आइए जानते है श्रीमद् देवी भागवत पुराण में दिया गया श्री देवि भागवत की आरती, आरती का सही समय–विधि और आरती करने से लाभ ।

श्री देवी भागवत की आरती
जय माता दी


श्री देवि भागवत की आरती


आरती जग–पावन पुराण की ।
मातृ–चरित्र–विचित्र–खान की ।।
देवी–भागवत अतिशय सुंदर ।
परमहंस मुनि–जन–मन–सुखकर।।
विमल ज्ञान–रवि मोह–तिमिर–हर ।
परम मधुर सुषमा–वितान की ।।१।।


कलि–कल्मश–विष–विषम–निवारनी ।
युगपत् भोग–सुयोग प्रसारिणी ।।
परमानंद–सुधा विस्तारिणी ।
सुमहौषध अज्ञान–हान की ।।२।।


संतत सकल सुमंगलदायनी ।
सन्मति सद्गति मुक्ति–प्रदायिनी ।।
नूतन नित्य विभूति विधायिनी ।
परमप्रभा परतत्व–ज्ञान की ।।३।।


आर्ती–अशांति, भ्रांति–भय–भंजनी ।
पाप–ताप माया–मद–गंजनी ।।
शुचि सेवक–मन–मानस–रंजनी ।
लीला–रस मधुमय निधान की ।।४।।


आरती का सही समय और विधि


श्री देवी भागवत की आरती खासकर सुबह और शाम में की जाती है। आरती करने से पहले, भक्त स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और देवी मां की मूर्ति के सामने दीपक–अगरबत्ती जलाकर और पुष्प अर्पित करके आरती की जाती है।


आरती के लाभ


श्री देवी भागवत की आरती करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि दौड़े चली आती है। और भक्तों का मन पवित्र और निर्मल हो जाता है। मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

श्री देवी भागवत की आरती क्या है?

श्री देवी भागवत की आरती देवी मां की महिमा और कृपा का वर्णन करने वाली एक पवित्र भक्ति गीत है, जो देवी की पूजा के दौरान गाई जाती है। यह आरती भक्तों द्वारा देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने और अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए की जाती है।

श्री देवी भागवत की आरती कब की जाती है?

देवी भागवत की आरती सामान्यतः सुबह और शाम को की जाती है। विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गा पूजा, और अन्य देवी उत्सवों के दौरान इसे गाया जाता है।

आरती करने का सही तरीका क्या है?

आरती करने से पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़ा पहनाना चाहिए। देवी मां की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक– अगरबत्ती जलाकर, और पुष्प अर्पित करके आरती की जाती है।

श्री देवी भागवत की आरती के लाभ क्या हैं?

श्री देवी भागवत की आरती करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि दौड़े चली आती है। और भक्तों का मन पवित्र और निर्मल हो जाता है। मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

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