दुबे बाबा मंदिर बभनगामा का अद्भुत इतिहास और महिमा

दुबे बाबा मंदिर

दुबे बाबा मंदिर देवघर जिले के सारठ, बभनगांवा गांव में मेन रोड किनारे स्थित है। यह मंदिर यहां के स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए एक प्रमुख आस्था का केंद्र है। दुबे बाबा मंदिर सारठ से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर सारठ-मधुपुर मुख्य मार्ग पर बहुत ही प्रचलित मंदिर है। भारत में अनेक मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो अपनी–अपनी विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक बहुत सुंदर और पवित्र दुबे बाबा मंदिर है। यह मंदिर बहुत ही पुराना है। इसके बारे में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। यहां जो भी सच्चे दिल से कुछ मांगता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। चाहे संतान प्राप्ति की इच्छा हो,धन-दौलत की इच्छा हो, सुख-समृद्धि चाहता हो , हर प्रकार की मनोकामना यहाँ पूरी होती है। स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की समस्या हो इस समस्या का निदान भी यहां केवल नीर (जल) से किया जाता है।


चमत्कारी निर (जल)


इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है यहाँ का चमत्कारी जल। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि किसी को सांप काट लेता है, तो उसे यहाँ लाने पर सिर्फ नीर (जल) पीने से ही वह ठीक हो जाता है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और आज भी वही होता है। आसपास में यदि किसी को सांप काट लेता है तो सिर्फ वह घर से हाथ–पैर धोकर बाबा का ध्यान कर बाबा दुबे के पास चले आते हैं,जहां आने पर उसे सिर्फ यहां का जल पिलाया जाता है और वह कुछ देर में ही ठीक होकर घर चले जाते हैं।


जल ग्रहण करने की परंपरा


दुबे बाबा मंदिर की एक और महत्वपूर्ण परंपरा है – नीर (जल) ग्रहण करना। इस मंदिर से गुजरने वाला हर यात्री या गाड़ी यहाँ एक बार जरूर रुक कर बाबा को प्रणाम करते है और यहाँ का मुख्य प्रसाद नीर ग्रहण करके ही आगे की यात्रा पर निकलते है। माना जाता है कि इस नीर को ग्रहण करने के बाद यात्रा निश्चित ही सफल और सुखद बन जाती है। बाबा दुबे की कृपा हमेशा बनी रहती है और वह सब मंगल करते है।


ऐतिहासिक महत्व और प्राचीनता


दुबे बाबा मंदिर की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां कई सौ वर्षों बड़े धूम–धाम पूजा होते आ रही है। भक्तो की वृद्धि दिन–ब–दिन बढ़ते जा रही है। बहुत बड़े विशाल बरगद के पेड़ के नीचे स्थित इस मंदिर में प्रतिवर्ष हजारों भक्त पूजा अर्चना करने पहुंच रहते है।

दुबे बाबा मेला


सावन का मेला


सावन सोमवारी को इस मंदिर में बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है। इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुंचते है। कुछ लोग मन्नत मांगने आते हैं, कुछ लोग मन्नत पूरा होने पर बाबा पर प्रसाद और जल चढ़ाने आते है और बाबा के दर्शन करते हैं। मेले का आयोजन बड़े ही धूम–धाम से मनाया जाता है। यह मेला यहां के लोगों के लिए एक बड़ा धार्मिक और सामाजिक पर्व है।

दुबे बाबा मंदिर
दुबे बाबा मंदिर


धार्मिक आस्था और विश्वास


दुबे बाबा मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त पूजा-अर्चना करना पहुंचते है। इस मंदिर में इतनी शक्ति है कि यहां आने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना जरूर पूरा हो जाती है।  मंदिर का वातावरण अत्यंत शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक होता है, जो भक्तों को आंतरिक शांति और सुकून प्रदान करता है।


निष्कर्ष


बाबा दुबे मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो अपनी पवित्रता और धार्मिक महत्व के कारण भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ का वातावरण, पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान भक्तों को अध्यात्मिक शांति और मानसिक सुख प्रदान करते हैं। यदि आप देवघर या इसके आसपास के क्षेत्रों में हैं, तो बाबा दुबे मंदिर की यात्रा अवश्य करें और इसके पवित्र वातावरण का अनुभव करें।

दुबे बाबा मंदिर कहाँ स्थित है?

दुबे बाबा मंदिर सारठ, देवघर में स्थित है। यह सारठ-मधुपुर मुख्य मार्ग पर, सारठ से 1 किलोमीटर दूर स्थित है।

दुबे बाबा मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?

दुबे बाबा मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। माना जाता है कि जो भक्त सच्चे दिल से यहाँ कुछ मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है, चाहे वह धन-दौलत, सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य या पुत्र की इच्छा हो।

दुबे बाबा मंदिर का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

दुबे बाबा मंदिर कई सौ वर्षों से पूजनीय स्थल रहा है। मंदिर की प्राचीनता और विशाल बरगद के पेड़ के नीचे स्थित इसके परिसर के कारण यह धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

नीर ग्रहण करने की परंपरा क्या है?

दुबे बाबा मंदिर की महत्वपूर्ण परंपरा है नीर (जल) ग्रहण करना। इस मंदिर से गुजरने वाला हर यात्री यहाँ एक बार जरूर रुकता है, बाबा को प्रणाम करता है और यहाँ का मुख्य प्रसाद नीर ग्रहण करता है। माना जाता है कि इस नीर को ग्रहण करने के बाद यात्रा सफल और सुखद होती है।

दुबे बाबा मंदिर में पूजा का समय क्या है?

दुबे बाबा मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा-अर्चना होती है। भक्त दिनभर यहाँ आ कर पूजा अर्चना कर सकते हैं।

दुबे बाबा मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?

दुबे बाबा मंदिर सारठ-मधुपुर मुख्य मार्ग पर स्थित है, जो सारठ से 1 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग सबसे सुविधाजनक है। नजदीकी रेलवे स्टेशन मधुपुर है यह से मंदिर जाने के लिए बस ऑटो हमेशा मिल जाती है।

मंदिर में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं?

दुबे बाबा मंदिर में भक्तों के लिए जल, प्रसाद और पूजा सामग्री की सुविधाएं उपलब्ध हैं। मेले के दौरान विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं।

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