शिमला क्यों प्रसिद्ध है?

शिमला संसार के सर्वाधिक सुंदर आकर्षक और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से दर्शनीय पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके अनुपम सौंदर्य के कारण ही इसे ’‘ पहाड़ों की रानी ‘‘ भी कहा जाता है । पहाड़ों की रानी शिमला अपने नाम के पीछे बहुत पुराना इतिहास लिए खड़ी है। इसकी की संरचना ब्रिटिश काल में हुई थी। सुंदर घाटियों और पहाड़ियों से घिरा यह प्रकृति का एक अद्भुत उपहार है। 

गर्मियों में शीतल सुरभित हवाओं के स्पर्श और सर्दियों में हिमपात का दृश्य देखकर आनंदित होने के लिए यहां देश-विदेश से पर्यटक आते ही रहते हैं। समुद्र तल से 2,130 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला भारत का सर्वाधिक सुंदर पर्वतीय पर्यटन स्थल है। यहां पूरे वर्ष पर्यटकों का मेला लगा रहता है।

Welcome in Mundmalini Baikunth Dham

अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य :– शिशिर ऋतु आते ही बर्फ शिमला को अपने आवरण में समाहित करने लगती है । सर्दी से अपने आप को बचाने के लिए यहां लोग सितंबर से ही तैयारी करने लगते हैं । लोग आग जलाने के लिए लड़कियां जुटने में लग जाते हैं । अक्टूबर महीने में पतझड़ शुरू हो जाता है, हरियाली विदा लेने लगती है और सर्दी का आगमन होने लगता है ।

हिमपात का दृश्य अत्यंत मनोहारी और रोमांचक होता है। यहां चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बीछ जाती है। रुई के गोले की तरह जब हल्की और मुलायम बर्फ गिरने लगती है तो बच्चे बर्फ की गेंद बनाकर एक दूसरे पर फेंकते हैं। पर्यटक यहां विस्तृत पर्वतांचल की हरी –भरी वादियों, झरनों, लंबे-लंबे चीड़ एवं देवदार के वृक्षों को देखकर और तरह-तरह के पक्षियों के कलरव से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।


अनोखी क्रीड़ा–स्थली:– यह एक अनोखी क्रीड़ास्थली भी है । शीतकालीन खेलों का यहां विशेष आयोजन होता है। यहां से 12 किलोमीटर उत्तर कुफरी की बर्फीली ढालों पर फिसलने–दौड़ने का आनंद कुछ और ही है। स्कीइंग का मौसम हिमपात की दशा के अनुसार दिसंबर के अंत से मार्च के दूसरे सप्ताह तक है। कुफरी की ढाल पर बर्फ की 6 फीट मोटी परत जम जाती है।

स्कीइंग के प्रेमी पैरों में 7 फीट लंबी लकड़ी की पतवारनुमा स्की पहनकर, संतुलन बनाए रखने के लिए हाथ में डंडा लिए तेज रफ्तार से दौड़ते चले जाते हैं। डंडे रफ्तार में गति लाने और किसी दुर्घटना से अपनी रक्षा करने में सहायक होते हैं। कभी-कभी स्कीइंग करने वाले बर्फी की ढालों से ऊपर उठ जाते है । उस समय ऐसा लगता है। मानो वे तैर रहे हों। दूसरा शीतकालीन खेल है– आइस स्केटिंग। दक्षिण–पूर्व दिशा में केवल यही आइस स्केटिंग रिंक है।आप यहां के  स्कैंडल प्वाइंट में सूरज को  सूर्यास्त और सूर्योदय होते हुए देख सकते है। जो काफी भव्य नजारा रहता है।


पक्षियों का आवास एवं विहार स्थल :– यह जगह केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं पक्षियों के लिए भी पर्यटन स्थल है। यहां की ढालदार पहाड़ियों पर अनेक पक्षी अपनी सुरीली आवाज से, अपने आकर्षक रंग-बिरंगे रूप–रंग से पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। यहां स्थित हिमालयन बर्ड पार्क में आप अनेक प्रकार के पक्षियों को देख सकते हैं।

यहां का नजदीकी डोमेस्टिक एयरपोर्ट शिमला है और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है जहाँ से बस या टैक्सी द्वारा शहर पहुँच सकते हैं।

शिमला को पहाड़ों की रानी क्यों कहा जाता है?

शिमलासंसार के सर्वाधिक सुंदर आकर्षक और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से दर्शनीय पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके अनुपम सौंदर्य के कारण ही इसे ’‘ पहाड़ों की रानी ‘‘ भी कहा जाता है । पहाड़ों की रानी शिमला अपने नाम के पीछे बहुत पुराना इतिहास लिए खड़ी है। शिमला की संरचना ब्रिटिश काल में हुई थी। सुंदर घाटियों और पहाड़ियों से घिरा शिमला प्रकृति का एक अद्भुत उपहार है। 

अनोखी क्रीड़ा स्थली कहा है?

शिमला एक अनोखी क्रीड़ास्थली भी है । शीतकालीन खेलों का यहां विशेष आयोजन होता है। शिमला से 12 किलोमीटर उत्तर कुफरी की बर्फीली ढालों पर फिसलने–दौड़ने का आनंद कुछ और ही है। स्कीइंग का मौसम हिमपात की दशा के अनुसार दिसंबर के अंत से मार्च के दूसरे सप्ताह तक है। कुफरी की ढाल पर बर्फ की 6 फीट मोटी परत जम जाती है।

शिमला कैसे पहुंचे?

शिमला का नजदीकी डोमेस्टिक एयरपोर्ट शिमला है और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है जहाँ से बस या टैक्सी द्वारा शहर पहुँच सकते हैं।सी

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