अंबुबाची मेला 2024 परिचय:—
यह मेला असम की राजधानी गुवाहाटी से 20 km दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या में लगता है ।कामाख्या मंदिर प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। यह मेला चार दिनों तक चलता है, जिसमें पहले तीन दिन मंदिर के द्वार बंद रहते हैं। माना जाता है की तीन दिनों के दौरान देवी अपने मासिक धर्म से गुजरती है इस दौरान ब्रम्हपुत्र नदी लाल हो जाती है और अंतिम दिन देवी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
इस मेले में लाखों की संख्या में साधु-संत, तांत्रिक, श्रद्धालु और पर्यटक यहां आते हैं। यह मेला हर साल जून महीने में मनाया जाता है और असमिया संस्कृति के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है। 2024 का अंबुबाची मेला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति की उम्मीद है।

अंबुबाची मेला का इतिहास और परंपरा:—
इस मेला की उत्पत्ति प्राचीन काल से मानी जाती है। यह मेला मां कामाख्या देवी को समर्पित है। यह मेला चार दिन का लगता है जिसमे तीन दिन देवी अपने मासिक धर्म से गुजरती है और तीन दिनों तक मंदिर के कपाट बंद रहते है। चौथे दिन मंदिर का कपाट भक्तो के लिए खोल दिया जाता है ।
माना जाता है की यह मेला मासिक धर्म चक्र को मनाने के लिए आयोजित किया जाता है। इसी स्थल पर देवी सत्ती का गर्भ और योनि गिरा था , उसके बाद यह कामाख्या मंदिर के नाम से प्रचलित हो गया ।
अंबुबाची मेला 2024 में आयोजन:—
तारीख और समय:
अंबुबाची मेला 2024 का आयोजन 22 जून से 26 जून तक होगा। 25 जून के रात में भक्तो के दर्शन के लिए कपाट खोल दिये जायेंगे। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु और साधु-संत यहां एकत्रित होंगे। इस दौरान वहा पर कई धार्मिक अनुष्ठान,जप–तप ,पूजा-पाठ, भंडारा साधु-संतों के प्रवचन, भजन-कीर्तन और तांत्रिक क्रियाएं किया जाता हैं।
अंबुबाची मेला 2024 में सुरक्षा और प्रबंध: —
इस वर्ष सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ-साथ, चिकित्सा सुविधाओं और स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष परिवहन और आवास की व्यवस्था भी की गई है।
सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव: —
अंबुबाची मेला का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग गुवाहाटी आते हैं, जिससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
अंबुबाची मेला 2024 आस्था और भक्ति का महाकुंभ: —
अंबुबाची मेला श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का महाकुंभ है। यहाँ आने वाले लोग देवी कामाख्या के दर्शन कर अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।
अंबुबाची मेला: कैसे जाएं
वायु मार्ग से:
गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, जो कामाख्या मंदिर से लगभग 20 किमी की दूरी पर है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या प्रीपेड कैब सेवा का उपयोग कर कामाख्या मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग से:
कामाख्या रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो कामाख्या मंदिर से लगभग 6 किमी की दूरी पर है।
यहां से आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या बस का उपयोग कर मंदिर तक पहुँच सकते हैं। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से कामाख्या मंदिर के लिए स्थानीय बस सेवाएं भी उपलब्ध रहती हैं।
सड़क मार्ग से:
गुवाहाटी देश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप राज्य परिवहन निगम की बस सेवाओं या निजी बस सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
टैक्सी/ऑटो:
गुवाहाटी शहर के भीतर और आसपास टैक्सी और ऑटो-रिक्शा आसानी से उपलब्ध होते हैं। आप इन्हें किराए पर लेकर कामाख्या मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
स्थानीय परिवहन:
शटल सेवाएं: अंबुबाची मेला के दौरान विशेष शटल सेवाएं भी उपलब्ध होती हैं, जो शहर के विभिन्न हिस्सों से मंदिर तक जाने के लिए संचालित की जाती हैं।
कामाख्या मंदिर तक पहुँचने के बाद, आप अंबुबाची मेला के विभिन्न अनुष्ठानों और गतिविधियों में भाग ले सकते हैं और माँ कामाख्या देवी के दर्शन कर सकते हैं। मेले के दौरान बड़ी भीड़ होती है, इसलिए विशेष सावधानी बरतनी है ।
जय माता दी
जय मां कामाख्या
अंबुबाची मेला कब है 2024 ?
अंबुबाची मेला 2024 का आयोजन 22 जून से 26 जून तक होगा। 25 जून के रात में भक्तो के दर्शन के लिए कपाट खोल दिये जायेंगे। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु और साधु-संत यहां एकत्रित होंगे।
अंबुबाची मेला कहां लगता है?
यह मेला असम की राजधानी गुवाहाटी से 20 km दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या में लगता है ।कामाख्या मंदिर प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है।