Baba Baidyanath temple deoghar
Baidyanath temple deoghar:— झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है। बैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे कामना लिंग भी कहते है।
विश्व का यह एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां शिव और शक्ति दोनों साथ निवास करते है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने और अपनी मनोकामना ले कर आते है।
Baidyanath temple deoghar की पौराणिक कथा:

बाबा बैद्यनाथ मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। पौराणिक ग्रंथों में इस मंदिर के बारे में कई कथा मिलते है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण खुद विश्वकर्मा भगवान ने किया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या किया।
कठोर तपस्या के कारण भगवान भोलेनाथ रावण पर प्रसन्न हो गए और उसे वर मांगने को कहा। रावण ने भगवान से एक शिवलिंग मांगा जिसे लंका में स्थापित करना चाहता था। भगवान भोलेनाथ ने रावण को शिवलिंग दे दिया और कहा कि यह शिवलिंग कहीं रखना नहीं। नहीं तो जहां रखोगे यह शिवलिंग वहीं हमेशा के लिए स्थापित हो जाएगा।
रावण शिवलिंग को उठाकर लंका की ओर चल दिया लेकिन रास्ते में उसे बहुत जोर से लघु शंका लग गया। रावण ने चरवाहे के रूप में बैजू नाम के ब्राह्मण को देखा और उसे शिवलिंग पकड़ा कर कहा कि इसे पकड़े रखना, मैं तुरंत लघुशंका करके आता हूं। बैजू शिवलिंग को पड़कर वहीं इंतजार किया लेकिन रावण लघुशंका करते रह गया।
उसके बाद बैजू ने शिवलिंग को वहीं रख दिया। बाद में रावण जब वहां आया तो शिवलिंग को उठाना चाहा पर शिवलिंग उठा नहीं तो रावण ने अंगूठे से शिवलिंग को दबा दिया और वहां से चला गया। बैजू ने सबसे पहले उस शिवलिंग को वहां स्थापित किया जिस कारण इस मंदिर का नाम बाबा बैद्यनाथ धाम के नाम से प्रसिद्ध हो गया ।
Baidyanath temple deoghar का वास्तुकला:
बाबा बैद्यनाथ मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर, मनमोहक और प्राचीन शैली की है। मंदिर प्रांगण में इसमें कुल 22 मंदिर हैं। मुख्य मंदिर में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग और सामने मां पार्वती स्थित है। इसके अलावा यहां अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं।
महत्व और धार्मिक आस्था:
बाबा बैद्यनाथ धाम हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह मंदिर विशेषकर उन लोगों के लिए प्रसिद्ध है जो अपने जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि की कामना चाहते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
त्योहार और विशेष आयोजन:
बाबा बैद्यनाथ मंदिर में वर्षभर विभिन्न धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। सावन महीने में यहां विश्व का सबसे लंबा मेले का आयोजन होता है। लाखो श्रद्धालु गण श्रावण मास में सुल्तानगंज के अजगेबिनाथ से गंगाजल कांवर में भरकर पैदल यात्रा करते हुए 105 किलोमीटर की दूरी तय कर बाबा बैद्यनाथ धाम पर गंगा जल अर्पित करते हैं।
इसके अलावा, महाशिवरात्रि, मकर संक्रांति,होली और अन्य प्रमुख हिंदू त्योहारों पर भी यहां विशेष पूजा अर्चना और अनुष्ठान किए जाते हैं। मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा भक्तों के लिए विभिन्न आधुनिक सुविधाएं और व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाती हैं ताकि उनका दर्शन सुखद और सुविधाजनक हो सके।
बाबा बैद्यनाथ धाम यात्रा और पहुंच:
देवघर झारखंड का एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यहां पहुंचने के लिए रेल, सड़क और हवाई मार्ग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। देवघर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है।
देवघर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी भी 7–8 किलोमीटर पड़ता है। रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट के बाहर ऑटो, टैक्सी या स्थानीय परिवहन हमेशा उपलब्ध रहता है। जिससे मंदिर तक आसानी से आया जा सकता है।
बाबा बैद्यनाथ धाम में रहने की ववस्था
मंदिर के पास ही अनेक धर्मशाला है जहां आप आसानी से रह सकते हैं। और मंदिर के पास ही बहुत सारे बड़े-बड़े एवं छोटे-छोटे होटल उपलब्ध है जहां आप विश्राम कर आसानी से पूजा कर सकते हैं।
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