History of Gangotri dham: पवित्र तीर्थ स्थल

Gangotri dham introduction


गंगोत्री धाम उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में हिमालय पर्वत पर स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है जो चार धामों में से एक है। इस जगह को मां गंगा का उद्गम स्थल माना जाता है। यही से पवित्र गंगा नदी प्रवाहित होना शुरू करती है और गंगा सागर में मिल जाती है। यह मंदिर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है ।

समुद्र तल से लगभग 3,040 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर काफी सुंदर और मनमोहक है । मां गंगा के इस पवित्र मंदिर का निर्माण 18वी शताब्दी में गोरखा जनरल अमर सिंह थापा जी के द्वारा किया गया था। गंगोत्री मंदिर का कपाट अक्षय तृतीया के दिन खुलता है और दीपावली के दिन बंद हो जाता है।

यहां की सुंदरता अद्भुत है। यह मंदिर केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। प्रत्येक साल यहां लाखो श्रद्धालु दर्शन पूजा और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए आते है ।

Gangotri dham
जय मां गंगे


History of Gangotri dham :


गंगोत्री का इतिहास पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। एक बार राजा सगर ने अपने 60,000 पुत्रों के साथ अश्वमेध यज्ञ प्रारंभ किया। तो यज्ञ के लिए जो घोड़ा था वह कपिल मुनि के आश्रम में पहुंच गया। राजा सगर के पुत्र घोड़े की खोज करते हुए वहां पहुंचे और कपिल मुनि पर उसे चुराने का आरोप लगाया।

क्रोधित होकर कपिल मुनि ने तत्काल उन्हें श्राप दे दिया और अपनी योग साधना से राजा सागर के सारे पुत्रों को भस्म कर दिया। उसके बाद उन सभी की आत्माएं प्रेत योनि में भटकने लगी। तब राजा सगर के प्रपौत्र राजा भागीरथ को राजा बनाया गया। राजा बनने के बाद उन्होंने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के उपाय खोजने लगा।

गंगा के पवित्र जल से ही उन्हें मोक्ष मिल सकता था। भागीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्माओं को मोक्ष दिलाने का प्रण लिया और गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए हिमालय पर जाकर कठोर तपस्या करना प्रारंभ किया। उन्होंने वर्षों तक वहां तपस्या किया जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्म देव ने उन्हें वरदान दिया कि मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित होंगी। लेकिन गंगा की तीव्र धारा से पृथ्वी को कैसे बचाया जायेगा ये समस्या थी।

तब भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में समाहित कर लिया ताकि उनकी तीव्र धारा से पृथ्वी को बचाया जा सके। उसके बाद भगवान शिव ने गंगा को धीरे-धीरे पृथ्वी पर प्रवाहित किया। गंगा नदी राजा भागीरथ के पीछे-पीछे चलती हुई गंगा सागर तक पहुंची। जहां उनके पूर्वजों की आत्माओं को मोक्ष प्राप्त हुआ।


गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे:


यदि आप गंगोत्री यात्रा करना चाहते हैं तो हरिद्वार या ऋषिकेश आना पड़ेगा यहां आने के बाद ही आप यात्रा मार्ग में जा सकते हैं।


हवाई मार्ग:
गंगोत्री का निकटतम हवाई अड्डा देहरादून हवाई अड्डा है। यहां से गंगोत्री लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से टैक्सी या बस के माध्यम से उत्तरकाशी और फिर गंगोत्री पहुंचा जा सकता है।


रेल मार्ग:
गंगोत्री जाने का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश या हरिद्वार है। यहां से गंगोत्री की दूरी 250 किलोमीटर है।
यहां से उत्तरकाशी और गंगोत्री के लिए बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।


सड़क मार्ग:
गंगोत्री अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है आप देश के किसी भी जगह से सड़क मार्ग के द्वारा गंगोत्री धाम पहुंच सकते है। हरिद्वार और ऋषिकेश से नियमित बस सेवा उपलब्ध रहती है।

गंगोत्री धाम में ठहरने का साधन:


गंगोत्री एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। यहां ठहरने के लिए विभिन्न प्रकार के आवास उपलब्ध हैं।


धर्मशालाएं और आश्रम


1.गंगोत्री मंदिर समिति धर्मशाला:
गंगोत्री मंदिर समिति द्वारा संचालित यह धर्मशाला श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही सुविधाजनक है। यहाँ साफ-सुथरे कमरे और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।


2.केदारनाथ मंदिर समिति धर्मशाला:
यह धर्मशाला भी अच्छा है, जहां तीर्थयात्री सस्ती दरों पर ठहर सकते हैं।


होटल


1.होटल भगीरथी सागर:
यह होटल गंगोत्री में  लोकप्रिय होटल है। यहां साफ-सुथरे कमरे, रेस्टोरेंट और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।


2.होटल मंदरहिमा:
यह होटल भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए अच्छा है। यहां आरामदायक कमरे और अच्छी सुविधा मिलती है।

History of Badrinath Temple

गंगोत्री धाम कहा है?

गंगोत्री मंदिर उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में हिमालय पर्वत पर स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है जो चार धामों में से एक है।

गंगोत्री धाम क्यों प्रसिद्ध है?

गंगोत्री धाम मां गंगा का उद्गम स्थल है यही से मां गंगा प्रवाहित होना शुरू करती है। इसलिए यह प्रसिद्ध है।

गंगोत्री धाम का कपाट कब खुलता है?

गंगोत्री मंदिर का कपाट अक्षय तृतीया के दिन खुलता है और दीपावली के दिन बंद हो जाता है।

गंगोत्री धाम में किसकी पूजा होती है?

गंगोत्री धाम में मां गंगा की पूजा होती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

11,000FansLike
1,100FollowersFollow
2,980SubscribersSubscribe

Latest Articles