Puri Rath Yatra 2024 date

Puri Rath Yatra 2024 date परिचय

Puri Rath Yatra 2024 date: जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा भारत के ओडिशा में मानने वाला सबसे बड़ त्योहा है । उड़ीसा के सागर तट पर बसे पुरी शहर हर साल एक अद्भुत और भव्य धार्मिक आयोजन का गवाह बनता है, जिसे जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा के नाम से जाना जाता है। यह जगह पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्री क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। इस रथ यात्रा उत्सव के समय आस्था का जो भव्य उत्सव देखने को मिलता है वह और कहीं दुर्लभ है। 

भगवान श्री कृष्ण के अवतार जगन्नाथ जी की रथ यात्रा में शामिल होने का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है। इस बार लाखों भक्त और पर्यटक इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने वाले है। पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है। इस बार यह यात्रा सात जुलाई से शुरू हो रही है। इस वर्ष जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024 29 जून को शुरू होगी और 7 जुलाई को मनाई जाएगी ।

Puri Rath Yatra 2024 date
Puri temple


जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का महत्व:


जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की वार्षिक यात्रा का प्रतीक है। यह यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होती है और गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जो लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस यात्रा का उद्देश्य भगवान जगनाथ गर्भ गृह से बाहर निकलकर भक्तो को दर्शन देना है।


Puri Rath Yatra 2024 date:


इस साल रथ यात्रा 7 जुलाई 2024 से शुरू होगी। इस यात्रा के दौरान अनेक धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भव्य शोभायात्राएं आयोजित किए जाएंगे। 2024 की यात्रा को विशेष बनाने के लिए कई नए नए आयोजन और यात्री सुविधा शुरू की जा रही है।


रथ यात्रा का इतिहास और पौराणिक कथाएं:


जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का इतिहास अत्यंत ही प्राचीन है और इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ गुंडिचा मंदिर में अपनी मौसी के घर जाते हैं। यह यात्रा सदियों से चली आ रही है । स्कंद पुराण के अनुसार, प्रथम मन्वंतर के द्वितीय खंड सतयुग में जगन्नाथ जी की पहली रथयात्रा निकली थी।


यात्रा की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था:


रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। प्रशासन और स्थानीय पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। खबर ये भी है कि रथ यात्रा के पूरे मार्ग और विशेष रूप से चिन्हित किए गए प्वाइंट्स पर 3डी मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही, यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा सुविधाएं, पेयजल और अन्य आवश्यक सेवाएं भी उपलब्ध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही हैं।


रथ यात्रा का आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव:


जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह पुरी नगर और ओडिशा राज्य के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस यात्रा के दौरान स्थानीय व्यवसायों को भारी लाभ होता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय कला और संस्कृति का भी प्रचार-प्रसार होता है।


यात्रा में भाग लेने के लिए सुझाव:


यदि आप रथ यात्रा में जाने का प्लान बना रहे हैं तो जरूर जाएं यात्रा के दौरान स्थानीय नियमों और निर्देशों का पालन जरूर करें ,अपने सामान की रक्षा स्वयं करें। भगवान पर दृढ़ विश्वास रखें।


रथ यात्रा में भाग लेने के रास्ते


हवाई मार्ग :
बीजू पटनायक हवाई अड्डा पुरी शहर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। शहर और हवाई अड्डे के बीच की दूरी 60 किमी है। इस हवाई अड्डा के बाहर से आपको टैक्सी या बस मंदिर जाने के लिए मिल जाएगी।


रेल द्वारा: 
पुरी रेलवे स्टेशन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है पुरी को मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता आदि शहरों से सीधी एक्सप्रेस ट्रेनों को जोड़ा गया है। पुरी रेलवे स्टेशन आने के बाद आसानी से आप मंदिर तक जा सकते हैं।


सड़क मार्ग से: 
पुरी शहर सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ शहर है। उड़ीसा के कटक और भुवनेश्वर से 10-15 मिनट के अंतराल पर पुरी के लिए बसें मिलती रहती हैं। विशाखापत्तनम,दिल्ली और कोलकाता से सीधी बस सुविधा उपलब्ध है।


जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024 भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। इस विशेष अवसर का हिस्सा बनकर आप एक अद्वितीय और पवित्र अनुभव का आनंद उठा सकते हैं।

Puri Rath Yatra 2024 date

Puri Rath yatra 2024 date कब है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रथ यात्रा आषाढ़ महीने के दूसरे दिन या जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में होती है। प्राचीन ग्रंथों में इस दिन को ‘आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया’ नाम दिया गया है। 2024 में रथ यात्रा 07 जुलाई को मनाई जाएगी।  

पहली रथ यात्रा कब निकली थी?

स्कंद पुराण के अनुसार, प्रथम मन्वंतर के द्वितीय खंड सतयुग में जगन्नाथ जी की पहली रथयात्रा निकली थी।
स्कंद पुराण के अनुसार, प्रथम मन्वंतर के द्वितीय खंड सतयुग में जगन्नाथ जी की पहली रथयात्रा निकली थी।

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